भोपाल की प्रतिभा तिवारी पिछले सात सालों से जैविक खेती से जुडें काम कर रही है। प्रतिभा अपने ब्रांड भूमिशा ऑर्गेनिक्स के जरिए लोगों तक जैविक खेती के खाद्य उत्पाद पहुंचा रही है। किसानों की रासायनिक खेती से लोगों की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है। इसी से उन्हें जैविक खेती से किसानों को जोड़ने का आइडिया आया। प्रतिभा ने बताया कि किसानों को जैविक खेती के लिए तैयार करना मुश्किल काम था। शुरूआत में मैंने चार-पांच किसानों को जैविक तरीकों से खेती करने के लिए मनाया।
मार्केटिंग पर काम किया
प्रतिभा तिवारी ने किसानों को जैविक खेती से जोड़कर अपनी कंपनी खड़ी की। इस समय प्रतिभा किसानों के साथ मिलकर 500 एकड़ से ज्यादा जमीन पर जैविक खेती कर रही है। खेती के माल की प्रोसेसिंग से वह 70 से ज्यादा प्रोडक्ट तैयार करती है। और इन्हें अपनी कंपनी से मार्केट में सप्लाई करती हैं।
खाद्य उत्पादों पर काम किया
प्रतिभा कहती हैं कि ग्राहक उसने सीधे उत्पाद खरीद सकते हैं। उनके द्वारा तैयार खाद्य उत्पादों में दलहन, काबुली चना, मसाले, जड़ी-बूटियां, कई तरह के अचार और काले गेहूं का आटा शामिल है। वह ‘सुपरग्रेन्स’ के नाम से जाने जाने वाले अलसी के बीज और क्विनोआ भी लोगों को उपलब्ध करा रही हैं। कुछ समय पहले उन्होंने आंवला के उत्पाद जैसे कैंडी, अचार और मुरब्बा आदि को भी शामिल किया है। उनके खाद्य पदार्थ की दूसरे राज्यों में भी काफी डिमांड है। प्रतिभा बताती है कि मैंने 4 किसानों के साथ खेती की शुरूआत की थी। अब इसका सालाना बजट 50 लाख रूपए के करीब है। इससे उन्होंने कई लोगों को रोजगार भी दिया। किसान सीधा अपनी फसल बेचकर अच्छा मुनाफा कमा पा रहे हैं।